दीव का ऐतिहासिक क़िला
यह क़िला दीव के इतिहास का झरोखा है। पहली नजर में सागरतट पर इस का भव्य विस्तार किसी संतरी के समान दीव के रक्षक के रूप में नजर आता है। क़िले का द्वार दोहरा है। इस में 7 बुर्ज हैं। 3 बुर्ज बाहरी दिशा के पश्चिमी हिस्से में और 4 अंदर बनाए गए हैं। मुख्यद्वार के बीच लुसिया बुर्ज एवं राजारानी कुडं है। इस का निर्माण 1535 में नुनोद-द-कुन्हा ने कराया था। 1546 में ख्वाजा सफर और उन के पुत्र रूमी खान ने पुर्तग़ालीयों से मुक्ति हेतु इस पर आक्रमण किया किंतु वे पराजित हुए। क़िले के अंदर राज्यपाल निवास, बैरक, शस्त्रागार, चर्च एवं अन्य राजकीय इमारतों के टुटे अवशेष आज भी मौजूद हैं। इसे एशिया का सब से महत्त्वपूर्ण पुर्तग़ाली क़िला होने का गौरव प्राप्त है। 56,738 वर्ग मीटर में फैले इस क़िले में संकटकाल में भागने के लिए भूमिगत सुरंगें हैं, जिन्हें सुरक्षा की दृष्टि से अब बंद कर दिया गया है। क़िले के अंदर सुन्दर डिजाइन पत्थरों पर उकरी गई हैं। क़िले के ऊपरी भागों से सारा द्वीप एवं सामने सागर किनारे बना लाइट हाउस साफ नजर आता है।
The Portuguese government’s initiative to list the Diu fort as one of the New Seven Wonders of Portugal. The fort is a tourism site in the Union Territory of Diu.
A major tourism attraction in India , the listing has put Diu and the fort on the world tourist map. “This will certainly give a big boost to the local tourism industry,” said Shri Krishna Kumar, Collector& DM, Diu.
The Fort of Diu
Cannon in Fort of Diu
View of Light House in Fort of Diu
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Light House at Fort of Diu
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